Speech भाषन on The Muslim Women | triple talaq
bill by Congress MP M. P. Mrs. Ranjeet Ranjan at Parliament of India , Dated 27-12-2018
Triple Talaq Bill - Congress MP “Ranjit Ranjan” Full Speech in Parliament (Hindi Language)
तलाक़ के क़ानून पर श्रीमती रंजीत रंजन, सांसद सुपौल (बिहार) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का संसद में Dated 27-12-2018 को दिया गया भाषण
bill by Congress MP M. P. Mrs. Ranjeet Ranjan at Parliament of India , Dated 27-12-2018
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After Hindi , English and Urdu translation with Roman Urdu/hindi
In English
Triple Talaq Bill - Congress MP “Ranjit Ranjan” Full Speech in Parliament (Hindi Language)
तलाक़ के क़ानून पर श्रीमती रंजीत रंजन, सांसद सुपौल (बिहार) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का संसद में Dated 27-12-2018 को दिया गया भाषण
धन्यवाद अध्यक्षा जी
हम लोग चर्चा कर रहे हैं कि इसे महिला को शादी में प्रोटेक्ट करने का बिल कहा जा रहा है। मीनाक्षी जी ने बोला, स्मृति ईरानी जी ने बोला,सुप्रिया ने बोला, सुष्मीता ने बोला,मैं महीलाओं के नाम इस लिए ले रही हूँ क्योंकि ये हमारे से जुड़ा हुआ मामला है, शादी से जुड़ा हुआ मामला है, और इस में पति भी इनवाल्व है, सिर्फ पत्नियों का मामला नहीं है, पूरे परिवार का मामला है। मैंने भाषण सुना, इधर भी सुना, इधर भी सुना, में एक प्रश्न पे आऊँगी बहुत लंबा प्रश्न नहीं दूँगी। कि इस का निचोड़ किया है, मुझे सिर्फ ये बता दें। अभी सुप्रिया जी ने बताया, उन्होंने कुछ महीलाओं से बात की। में आज ज़रूर बताना चाहूंगी कि मेरी बचपन की दोस्त बाईस सालों के बाद मिली। वो मुसलमान है। पढ़ी लिखी है और उन के सारे परिवार वाले भी मुसलमान हैं।
पहले में उसका धन्यवाद करूँगी, फिर आपका धन्यवाद करूँगी कि इस बिल को लाने के कारण हमने भी दिल से क़ुरआन को पढ़ा। इस में जो चोथी सूरत निसा है जिसमें डाईवोर्स, तलाक़ से पहले पाँच स्टेप हैं, उसको पढ़ा। क़ुरआन की सूरा बक़रा है जिसमें २२८ से २४० आयत तक डाईवोर्स किस तरीक़े से, क्यों दिया जाये,वजह क्या हो? पत्नी की भी वजह क्या हो,पति की भी क्या वजह हो, उस को पूरा डिटेल में दिया गया है। मुझे लगता है ये जो आज इस बिल की चर्चा हुई,इस क़ानून को लाने की जो ज़रूरत पड़ी, नक़वी साहिब कह रहे थे, मैं कहूँगी अफ़सोस है कि आपकी कम्यूनिटी के अंदर क़ुरआन में तलाक़ के लिए इतने ऐडवान्स रूल बनाए गए हैं,
In Hindi
मुझे गर्व है क़ुरआन पर, लेकिन आपने अपनी ही कम्यूनिटी को अवेयर नहीं किया। ये हँसने वाली बात नहीं है। अपनी ही कम्यूनिटी को अवेयर नहीं किया। महीलाओं को भी इतना ही अधीकार है, तलाक़ देने का,और किस तरह से दोनों के रिलेशन को बना के रखना है, किस तरह से दोनों परीवार को इनवाल्व करना है, किस तरह से पहले पाँच स्टेप में इन को रोकने की कोशिश करनी है, तीन तलाक़ में भी ९० दिन का टाइम दोनों को साथ बिताना है, इस के बीच में माहवारी अगर रुकती है, रीलेशन बनता है, तो वो सारा प्रोसेस दुबारा से रीपीट होता है, इस से मज़बूत, डाईवोर्स,तलाक़ का तरीक़ा नहीं हो सकता। एक बात तो ये है कि कम्यूनिटी ने अवेयर नहीं किया। और जिस तरह की तलाक़ की चर्चा करके राजनीति हो रही है, मैं आपसे पूछना चाहूंगी। ४७७ इस देश में दहेज के कारण,बलात्कार से, हिंदू महिलाएं भी कितनी देश में मरती हैं,डाईवोर्स होता है, डाईवोर्स के बग़ैर पती दूसरी भी रख लेता है, इस पर आप सदन में चर्चा क्यों नहीं करते, सिर्फ़ मुसलमान मुसलमान क्यों करते हो।
ये महीलाओं से जुड़ा हुआ मामला है, ये महीलाओं के परिवार से जुड़ा हुआ मामला है। मेरा पति है ,में उसकी पत्नी हूँ, मियां बीवी का मामला है,आप उस को कोर्ट में ले के जा रहे हो, मैं कहूँगी, वो पर्सेंटेज है, मैंने अपने क्षेत्र में देखा, बिहार में देखा, दिल्ली में देखा,कई प्रदेशों का आप सर्वे उठायें ,कितने पर्सेंटेज ऐसे मर्द हैं जिनको मुस्लमान में भी आवारा कहते हैं, दो चीज़ों के कारण डाईवोर्स होता है, अगर कोई नशेड़ी है, वो हिंदू में भी हो सकता है, मुसलमान में भी हो सकता है, अगर वो मुसलमान में है, इस का तरीक़ा डाईवोर्स का तरीक़ा है, हिंदू का तरीक़ा कुछ और है तो आप सिर्फ मुसलमान के लिए क़ानून बनाएंगे, हिंदू के लिए क़ानून नहीं बनाएंगे?
आप पर्सेंटेज की बात करें, बीफ़ोर सुप्रीमकोर्ट, आफ़टर सुप्रीमकोर्ट, ४७७, मोब लिंचिंग में कितनों की मौत हुई, उस को भी इस सदन में कब लाएंगे, धर्म के नाम पर कितनी मौत हुई उस को भी इस सदन में चर्चा में लेकर आईए। मुज़फ़्फ़रपुर में बलात्कार होता है,३५ बच्चीयों का होता है, आप ही की सरकार इन बच्चीयों की देख रेख नहीं करती है, और मंत्री और मुख्यमंत्री के साथ मिलकर मदद करती है, इस की भी चर्चा हो क्योंकि वो भी बच्चीयां थी, क्या वो हिंदू थीं इस लिए आप चर्चा नहीं करेंगे। और मुस्लमानों की वोट लेनी है इस लिए ४७७, ४७७ करेंगे। आप ये भरम में हैं कि मुस्लमान महिलाएं आपके इस क़ानून से आपको वोट देने का काम करें गी । मैं आपसे ये कहना चाहती हूँ, ठीक है आपको वोट नहीं चाहीए, आपने इस क़ानून में महिला को प्रोटेक्ट कैसे किया है । मुझे इस बात का जवाब दे दीजिए, आप ले के आईए क़ानून, हम भी राज़ी हैं, कि अगर महिला को भी तलाक़ तलाक़ तलाक़ ,व्हाट्स अप पर, बाहर में फ़ोन में दिया जाता है, ग़लत है । एक मुस्लिम महिला भी कहती है ग़लत है, क़ुरआन पढ़ने वाले भी कहते हैं ग़लत है, जब वो ख़ुद कह रहे हैं ग़लत है तो आप क्या सिखा रहे हो?
मैं आपसे, मीनाक्षी जी आप ही की बात पर आ रही हूँ, आप क़ानून की बात करें, आप वकील हैं, आपने बहुत सारे एक्ट पढ़े, मुझे वकील साहिबा ये बता दें, मंत्री साहिब भी वकील हैं, आपने सिर्फ क़ानून बनाया है, कि तीन तलाक़, तीन तलाक़ जो बोलेगा, उस को आप जेल भेज दीजिएगा, आपको अधीकार है । एक तरफ़ वो महिलाएं है जो बहुत ग़रीब हैं, बैक ग्राउंड कुछ नहीं है, क्योंकि मैंने आँखों से देखा है। हम में ज़्यादा कलह है, मुसलमान परिवारों में इतनी कलह नहीं है, जितनी हिंदू परिवारों में कलह है,तो जिनके पास बैकग्रांऊड स्पोर्ट है वो आज भी जा कर क़ानून से लड़ लेती है। अगर आप इन महीलाओं की बात कर रहे हैं जिनका बैकग्रांऊड में कोई नहीं है, आप कह रहे हैं जा कर मजिस्ट्रेट से केस दाख़िल करो, आपने थोड़ा फ़ाइल किया,उधर फाइन कर देता है, मुस्लिम महेलाएं का यहां भी मिस यूज़ हो सकता है।
आप कहेंगे क़ानून नहीं आएगा। आपने उस के अलावा क्या प्रोटेक्शन दीये है, मजिस्ट्रेट तै करेगा कि मुआवज़ा कितना मिलेगा, मजिस्ट्रेट तै करेगा कि बच्चे किस के पास रहेंगे। मजिस्ट्रेट तै करेगा कि हसबैंड उस को मुआवज़ा देगा भी नहीं, मैं कहती हूँ प्रैक्टीकल सी बात है, मेरा हसबैंड जोब करता है, वो कहेगा तुमने जेल भेजा, मेरी जोब चली गई, अब मैं पैसा नहीं दूँगा। तो आप क्या कर लेंगे। क्या आपने शेल्टर का प्रावधान किया है, क्या आपने सरकार तरफ़ से उन को मुआवज़ा का प्रावधान किया है, उस को क्या प्रोटेक्शन है, इस महिला को, इस महिला को आप मुस्लिम पर्सनल ला से भी निकाल रहे हैं, उस के धर्म से भी निकाल रहे हैं, और उस के घर से भी निकाल रहे हैं, सिर्फ प्रोटेक्शन के नाम से कह रहे कि भय्या अपने पति को जेल भेज दो। कौन ऐसा पति है ,ठीक है उस ने तीन तलाक़ दे दिया,वो इल्लीगल है, क़ुरआन भी मान रहा है, वो तीन महीने इंतिज़ार करेगा, आप दुश्मनी इतनी बढ़ा रहे हैं, कहेगा लो तीन महीने हो गए मैंने तुम्हें तलाक़ दिया, फिर आपका क़ानून क्या करेगा, मैं सिर्फ ये कहना चाह रही हूँ कि आपकी नीयत में खोट है। अगर आप को क़ानून ही लाना था में तो कहूँगी क़ुरआन को ढंग से पढ़ कर उस में जो तरीक़ा डाईवोर्स का बताया है, उसी को कोर्ट का क़ानून क्यों नहीं बनाते हैं, पूरी मुस्लिम कम्यूनिटी उस को मानने को तैयार होगी, आप सिर्फ खिलवाड़ कर रहे हैं महीलाओं के साथ। में फिर कहूँगी कि महीलाओं के उतपीडन के नाम पर, महीलाओं के घरेलू मसअलों के नाम पर, हिंदू और मुस्लमान नहीं होना चाहीए, नहीं तो हर तबक़े की महिला,चाहे रूलिंग पार्टी की हो,या विपक्ष की हो, सब खड़े हो इस क़ानून के विरोध में खड़े होंगी। ये देश सकहता है, निश्चित तौर से उसे जे पी सी में जाना चाहिएक़ुरआन की समझ रखने वाले लोगों को बुला के इस को दुबारा से अमेडमेंट करना चाहिए, बहुत बहुत धन्यवाद ।
after edit Google translate and voice to Speech on The Muslim Women | triple talaq bill by M. P. Ranjeet Ranjan at Parliament of India , Dated 27-12-2018
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Hindi original video Link
https://www.youtube.com/watch?v=a62uw1vZ1xQ
''Thank you chair
We are discussing that it is being said to be a bill to protect the woman in marriage. Meenakshi ji spoke, Smriti Irani ji spoke, Supriya said, Sushmita said, I am taking the names of the women for this because it is a matter related to us, it is a matter related to marriage, and husband in this also That is not the case of wives alone, it is a case of the whole family. I will hear a speech, hear it, listen to it, hear a question, I will not ask a long question. Let's just tell that, that this has been squeezed. Now Supriya ji said, she talked to some women. Sure, today I would like to tell that my childhood friend got after twenty-two years. He is a Muslim. educated and all the families of them are also Muslims.
I will thank you in the first place, then thank you that because of bringing this bill we also read the Quran from the heart. In this, the Sura Nisa, which has five steps before the divorce, read it. The Qur'an is a Surah baqara, in which, from sura no. 228 to 240, Talaq, divorce are given, in what way, what is the reason? What is the reason for the wife, what is the reason for her husband, she has been given in full detail. I think that this bill was discussed today, the need to bring this law, the Naqvi Sahib was saying, I would say that inside your community there have been so many Advance rules for the divorce, I am proud It is on the Qur'an, but you have not entertained your own community. This is not a laughing matter. Do not care about your own community. The women have the same authority, divorce, and how to make the relationship of both of them, how to invoke both of them in the future, how to try to stop them in the first five steps, Even in three talaq, the time of 90 days is to spend with both, if the menstruation stops, if the relation is formed, then the whole process repeats again, Strong with this, can not be a way off divorce. One thing is that the community did not do aware. And the kind of divorce that is being discussed politics, I would like to ask you. 477 Due to dowry in this country, due to rape, Hindu women also die in country, Diwors, without diapers, leaves the other one, why do not you discuss it in the house, why do Muslims only Muslims? .
This is a matter related to the ladies, it is a matter related to the family of the ladies. My husband is his wife, Mian Bivi matter, you are going to take him to court, I will say, that is a percentage, I saw in my area, seen in Bihar, seen in Delhi, in many states You can pick up surveys, how many per centage men are those who are called as a nashedi (addict) in Muslim, due to two things divorce, if there is an addict, they can be in Hindu too, even in Muslim, if they There is a way in the Muslim way, the method of divorce is, the way of Hindu is something else, then you will only make laws for Muslims, will not make laws for the Hindus?
Let's talk about Percentage, Before Supreme Court, After Supreme Court, 477, how many people died in Mob Lynching, when they will also bring to this parliament house, bring to the house how much death has happened in the name of riligion. Muzaffarpur is raped, 35 girls belong to, the government of you does not look after these children, and helps the minister and the Chief Minister together, this should also be discussed as they were also girls, are they Hindus That's why you will not discuss. And Muslims have to vote for this, so 477, 477 will. You are in the misguide that Muslim women will work to vote for you by this law. I want to say this to you, okay you should not vote, how did you protect the woman in this law. Let me answer that, you take the law, we are also willing, that if the divorce (talaq) is also given to the talaq talaq talaq woman, whats up, in the phone in the outside, is wrong. A Muslim woman also says that it is wrong, even those who read Quran are wrong, when they are saying they are wrong, what are you teaching?
I am talking about you, Meenakshi ji, you talk about the law, you are the lawyer, you have read many acts, tell me the wakil sahiba, the minister sahib is also the lawyer, you have just made the law, that the three Talaq, the three talaq who will speak, will send you to jail, you have authority. On one side there are women who are very poor, the back ground is nothing, because I have seen with eyes. There is a lot of discord among us, there is not much disagreement among the Muslim families, as many Hindu families have disagreements, those who have background games still go to fight with the law. If you are talking about these women who have no background, you are going and file a case with the magistrate, you filtered a little bit, fine there, the Muslim women can also be misused here. You say the law will not come. What protection have you given in addition to that, the magistrate will decide how much compensation will be received, the magistrate will decide who will stay with the child. The magistrate will decide that the ladybuck (ladybase) will not even give it to me, I say it is a practical matter, my husband is employed, he will say, you sent me to jail, my job went away, now I will not give money. So what will you do? Have you provided the shelter, have you provided compensation to the government on behalf of them, what protection is there to this woman, you are taking this woman away from the Muslim Personal Law, also from her religion And are taking him out of his house, just saying in the name of protection that Bhayya(bro) send your husband to jail. Who is such a husband, okay he has given three talaq, he is illusion, he is also accepting the Quran, he will wait for three months, you are enlarging enmity so that he will say, three months has happened. I divorced you, then you What the law will do, I just want to say that there is a fault in your intention. If you had to bring the law to you, then I would say that reading the Quran in the manner and the manner in which the divorce has told it, why do not you make the law of the court, the entire Muslim community will be ready to accept it, you are just playing Are with the ladies In the name of the oppression of women, in the name of the domestic issues of women, Hindus and Muslims should not be, otherwise the women of every sect, whether the ruling party or the opposition, all stand up to this law. Will stand in opposition This country can help, definitely, he should go to J.C.C., people who understand the Qur'an should make an amendment of this calling again, thank you very much.''
end speech
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دھنیے واد ادھیکشا جی،
ہم لوگ چرچا کر رہے ہیں کہ اس بل کو مہیلاکوشادی میں پروٹیکٹ کرنے کا بِل کہا جارہاہے۔ میناکشی جی نے بولا،اسمرتی ایرانی جی نے بولا،سُپریا نے بولا، سشمیتا نے بولا،میں مہیلاؤں کے نام اس لئے لے رہی ہوں کیونکی یہ ہمارے سے جڑا ہوا معاملہ ہے ، شادی سے جڑا ہوا معاملہ ہے، اور اس میں پتی بھی اِنوالو ہے، صرف پتنیوں کامعاملہ نہیں ہے، پورے پریوار کا معاملہ ہے۔ میں نے بھاشن سنا، اِدھر بھی سنا، اِدھر بھی سنا، میں ایک پرشن پہ آؤں گی بہت لمبا نہیں دوں گی۔ کہ اس کا نچوڑ کیا ہے، مجھے صرف یہ بتادیں۔ ابھی سُپریا جی نے بتایا، انہوں نے کچھ مہیلاؤں سے بات کی۔میں آج ضرور بتانا چاہوں گی کہ میری بچپن کی دوست بائیس سالوں کے بعد ملی۔ وہ مسلمان ہے۔ پڑھی لکھی ہے اور اُن کے سارے پریوار بھی مسلمان ہیں۔ میں اُس کا دھنیے واد کروں گی، پھر آپ کا دھنیے واد کرو ںگی کہ اِس بل کو لانے کے کارن ہم نے بھی دل سے قرآن کو پڑھا۔ اُس میں جو سورۃ نساء ہے جس میں ڈائیوورس سے پہلے پانچ اسٹیپ ہیں، اُس کو پڑھا۔ سورہ بقرہ ہے جس میں ۲۲۸ سے ۲۴۰ آیت تک ڈائیسوورس کس طریقے سے کیوں دیا جائے،وجہ کیا ہو؟پتنی کی بھی وجہ کیا ہو،پتی کی بھی کیا وجہ ہو، اُس کو پورا ڈِٹیل میں دیا گیا ہے۔ مجھے لگتا ہے یہ جو آج اس بِل کی چرچا ہوئی،اس قانون کولانے کی جو ضرورت پڑی، نقوی صاحب سے کہہ رہے تھے، میں کہوں گی افسوس ہے کہ آپ کی کمیونٹی کے اندر قرآن میں ڈائیوورس کے لئے اتنے ایڈوانس رول بنائے گئے ہیں، مجھے گَرو ہے قرآن پے۔ لیکن آپ نے اپنی ہی کمیونٹی کو اویئر نہیں کیا۔ ارے یہ ہنسنے والی بات نہیں ہے۔ اپنی ہی کمیونٹی کو اویئر نہیں کیا۔ مہیلاؤں کو بھی اُتنا ہی ادھیکار ہے،طلاق دینے کا،اور کس طرح سے دونوں کے رِیلیشن کو بناکے رکھنا ہے، کس طرح سے دونوں پرویوار کو اِنوالو کرنا ہے،کس طرح سے پہلے پانچ اسٹیپ میں اُن کو روکنے کی کوشش کرنی ہے، تین طلاق میں بھی ۹۰ دن کاٹائم دونوں کوساتھ بِتانا ہے، اُس کے بیچ میں ماہواری اگر رُکتی ہے ،رِیلیشن بنتا ہے، تو وہ سارا پروسیس دوبارہ سے رِیپیٹ ہوتا ہے، اِس سے مضبوط ڈائیوورس کا طریقہ نہیں ہوسکتا۔ ایک بات تو یہ ہے کہ کمیونٹی نے اویئر نہیں کیا۔ اور جس طرح کی طلاق کی چرچا کرکے راجنیتی ہورہی ہے، میں آپ سے پوچھنا چاہوں گی۔ ۴۷۷ اس دیش میں دہیج کے کارن، کارن،بلاتکار سے ، ہندو مہیلائیں بھی کتنی دیش میں مرتی ہیں، ڈائیوورس ہوتا ہے، ڈائیوورس کے بغیر پتی دوسری بھی رکھ لیتا ہے، اس کوآپ سدن میں چرچا کیوں نہیں کرتے،صرف مسلمان مسلمان کیوں کرتے ہو۔
یہ مہیلاؤں سے جڑاہوا معاملہ ہے، یہ مہیلاؤں کے پریوار سے جڑا ہوا معاملہ ہے۔ بھیا ،میں میراپتی ہے ،میں اس کی پتنی ہوں، میاں بیوی کامعاملہ ہے،آپ اُس کو کورٹ میں لے کے جارہے ہو، میں کہوں گی وہ پرسینٹیج تو ہے،میں نے اپنے اکشیتر میں دیکھا، بہار میں دیکھا، دلی میں دیکھا،کئی پردیشوں کاآپ سروے اُٹھائیں،کتنے پرسینٹیج ایسے مرد ہیں جن کو مسلمان میں بھی آوارہ کہتے ہیں، دو چیزوں کے کارن ڈائیوورس ہوتا ہے، اگر کوئی نشیڑی ہے، وہ ہندو میں بھی ہوسکتا ہے، مسلمان میں بھی ہوسکتا ہے، اگر وہ مسلمان میں ہے، اُس کا طریقہ ڈائیورس کا طریقہ ہے، ہندو کا طریقہ کچھ اور ہے تو آپ صرف مسلمان کے لئے قانون بنائیں گے، ہندو کے لئے قانون نہیں بنائیں گے؟
آپ پرسینٹیج کی بات کریں، بیفور سپریم کورٹ، آفٹر سپریم کورٹ، ۴۷۷،موب لبچنگ کتنوں کی موت ہوئی، اُس کو بھی اِس سدن میں لائیں،دھرم کے نام پر کتنی موت ہوئی اُس کو بھی اس سدن میں چرچا میں لے کر آئیے۔ مظفر پور میں بلاتکار ہوتا ہے،۳۵ بچیوں کا ہوتا ہے، آپ ہی کی سرکار اُن بچیوں کی دیکھ ریکھ نہیں کرتی ہے، اور منتری اور مکھے منتری کے ساتھ مل کر مدد کرتی ہے، اُس کی بھی چرچا ہو کیونکی وہ بھی بچیاں تھی، کیا وہ ہندو تھیں اس لئے آپ چرچا نہیں کریں گے۔ اورمسلمانوں کی ووٹ لینی ہے اس لئے ۴۷۷، ۴۷۷ کریں گے۔ کم سے کم مہیلاؤں کو اس قانون کے آڑ میں، آپ یہ بھرم میں ہیں کہ مسلمان مہیلائیں آپ کے اس قانون سے آپ کو ووٹ دینے کا کام کر یں گی۔ میں آپ سے یہ کہنا چاہتی ہوں،ٹھیک ہے آپ کو ووٹ نہیں چاہئے، آپ نے اس قانون میں مہیلاکو پروٹیکٹ کیسے کیا ہے ۔ مجھے اس بات کا جواب دیدیجئے، آپ لے کے آئیے قانون، ہم بھی راضی ہیں، کہ اگر مہیلا کو بھی طلاق طلاق طلاق ،وہاٹس اپ پے، باہر میں فون میں دیا جاتا ہے غلط ہے۔ایک مسلم مہیلا بھی کہتی ہے غلط ہے،قرآن پڑھنے والے بھی کہتے ہیں غلط ہے، جب وہ خود کہہ رہے ہیں غلط ہے تو آپ کیا سکھا رہے ہو۔
میں آپ سے، میناکشی جی آپ ہی کی بات پر آرہی ہوں، آپ قانون کی بات کریں، آپ وکیل ہیں، آپ نے بہت سارے ایکٹ پڑھے، مجھے وکیل صاحبہ یہ اتنا بتادیں، منتری صاحب بھی وکیل ہیں، آپ نے صرف قانون بنایا ہے، کہ تین طلاق، تین طلاق جو بولے گا، اُس کو آپ جیل بھیج دیجئے آپ کو ادھیکار ہے۔ ایک طرف وہ مہیلائیں ہے جو بہت غریب ہیں، بیک گراونڈ کچھ نہیں ہے، کیونکہ میں نے آنکھوں سے دیکھا ہے۔ ہم میں زیادہ کلح ہے، مسلمان پریواروں میں اُتنی کلح نہیں ہے، جتنی ہندو پریواروں میں کلح ہے،تو جن کے پاس بیک گراؤنڈ سپورٹ ہے وہ آج بھی جاکے قانون سے لڑ لیتی ہے۔ اگر آپ اُن مہیلاؤں کی بات کر رہے ہیں جن کا بیک گراؤنڈ میں کوئی نہیں ہے ، آپ کہہ رہے ہیں جاکے مجسٹریٹ سے کیس داخل کرو، آپ نے تھوڑافاعل کیا،فائن کردیتاہے، مسلم مہیلائیں کا
یہاں بھی مِس یوز ہوسکتا ہے۔آپ کہیں گے قانون نہیں آئے گا۔ آپ اُس کے علاوہ کیا پروٹیکشنن دی ہے،مجسٹریٹ طے کرے گا،کہ معاوضہ کتنا ملے گا،مجسٹریٹ طے کرے گا کہ بچے کس کے پاس رہیں گے۔ مجسٹریٹ طے کرے گا کہ ہسبینڈ اُس کو دے گا بھی نہیں،میں کہتی ہوں پریکٹیکل سی بات ہے، میرا ہسبینڈ جوب کرتا ہے، وہ کہے گا تم نے جیل بھیجا، میری جوب چلی گئی،اب میں پیسہ نہیں دوں گا۔ تو آپ کیا کر لیں گے۔ کیا آپ نے شیلٹر کا پراودھان کیاہے، کیا آپ نے گورنمنٹ کی طرف سے اُن کو معاوضہ کا پراودھان کیا ہے، اُس کو کیا پروٹیکشن ہے اُس مہیلا کو، اُس مہیلا کوآپ مسلم پرسنل لاء سے بھی نکال رہے ہیں، اُس کے دھرم سے بھی نکال رہے ہیں، اور اُس کے گھر سے بھی نکال رہے ہیں،صرف پروٹیکشن کے نام سے کہہ رہے کہ بھیا اپنے پتی کو جیل بھیج دو۔ کون ایسا پتی ہے ،،ٹھیک ہے اُس نے تین طلاق دے دیا،وہ الیگل ہے، قرآن بھی مان رہا ہے،وہ تین مہینے انتظار کرے گا، آپ دشمنی اتنی بڑھا رہے ہیں، کہے گا لو تین مہینے ہوگئے میں نے تمہیں طلاق دیا،پھر آپ کا قانون کیا کرے گا، میں صررف یہ کہنا چاہ رہی ہوں آپ کی نیت میں کھوٹ ہے۔ اگر آپ کوقانون ہی لانا تھا میں تو کہوں گی قرآن کو ڈھنگ سے پڑھ کے اُس میں جو طریقہ ڈائیوورس کا بتایا ہے،اُسی کو کورٹ کاقانون کیوں نہیں بناتے ہیں، پوری مسلم کمیونٹی اُس کو ماننے کو تیار ہوگی، آپ صرف کھلواڑ کر رہے ہیں مہیلاؤں کے ساتھ۔ اتنا ہی کہہ کر، میں پھر کہوں گی کہ مہیلاؤں کے اُتپیڈن کے نام پر، مہیلاؤں کے گھریلو مسئلوں کے نام پر،ہندو اور مسلمان نہیں ہونا چاہئے،، نہیں تو ہر طبقے کی مہیلا،چاہے رولنگ پارٹی کی ہو،یا ویپکس کی ہو،سب کھڑے ہو کراس قانون کے وِرودھ میں کھڑے ہوں گی۔ یہ دیس کہتا ہے، نسچنت طور سے اسے جے پی سی میں جانا چاہئے،۔قرآن کی سمجھ رکھنے والے لوگوں کو بلا کے اِس کو دوبارہ سےامینڈمنٹکرنا چاہئے۔
بہت بہت دھنیے واد۔
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dhanyavaad adhyaksha jee
ham log charcha kar rahe hain ki ise mahila ko shaadee mein protekt karane ka bil kaha ja raha hai. meenaakshee jee ne bola, smrti irani jee ne bola,supriya ne bola, sushmeeta ne bola,main maheelaon ke naam is lie le rahee hoon kyonki ye hamaare se juda hua maamala hai,shaadee se juda hua maamala hai, aur is mein pati bhee inavaalv hai, sirph patniyon ka maamala nahin hai, poore parivaar ka maamala hai. mainne bhaashan suna, idhar bhee suna, idhar bhee suna, mein ek prashn pe aaoongee bahut lamba prashn nahin doongee. ki is ka nichod kiya hai, mujhe sirph ye bata den. abhee supriya jee ne bataaya, unhonne kuchh maheelaon se baat kee. mein aaj zaroor bataana chaahoongee ki meree bachapan kee dost baees saalon ke baad milee. vo musalamaan hai. padhee likhee hai aur un ke saare parivaar vaale bhee musalamaan hain. pahale mein usaka dhanyavaad karoongee, phir aapaka dhanyavaad karoongee ki is bil ko laane ke kaaran hamane bhee dil se quraan ko padha. is mein jo soorat nisa hai jisamen daeevors se pahale paanch step hain, usako padha. quraan kee soora baqara hai jisamen 228 se 240 pej (aayat) tak daeevors kis tareeqe se, kyon diya jaaye,vajah kya ho? patnee kee bhee vajah kya ho,pati kee bhee kya vajah ho, us ko poora ditel mein diya gaya hai. mujhe lagata hai ye jo aaj is bil kee charcha huee,is qaanoon ko laane kee jo zaroorat padee, naqavee saahib kah rahe the, main kahoongee afasos hai ki aapakee kamyoonitee ke andar quraan mein daeevors ke lie itane aidavaans rool banae gae hain, mujhe garv hai quraan par , lekin aapane apanee hee kamyoonitee ko aveyar nahin kiya. ye hansane vaalee baat nahin hai. apanee hee kamyoonitee ko aveyar nahin kiya. maheelaon ko bhee itana hee adheekaar hai, talaaq dene ka,aur kis tarah se donon ke rileshan ko bana ke rakhana hai, kis tarah se donon pareevaar ko inavaalv karana hai, kis tarah se pahale paanch step mein in ko rokane kee koshish karanee hai, teen talaaq mein bhee 90 din ka taim donon ko saath bitaana hai, is ke beech mein maahavaaree agar rukatee hai, reeleshan banata hai, to vo saara proses dubaara se reepeet hota hai, is se mazaboot daeevors ka tareeqa nahin ho sakata. ek baat to ye hai ki kamyoonitee ne aveyar nahin kiya. aur jis tarah kee talaaq kee charcha karake raajaneeti ho rahee hai, main aapase poochhana chaahoongee. 477 is desh mein dahej ke kaaran,balaatkaar se , hindoo mahilaen bhee kitanee desh mein maratee hain,daeevors hota hai, daeevors ke bagair pattee doosaree bhee rakh leta hai, is par aap sadan mein charcha kyon nahin karate,sirf musalamaan musalamaan kyon karate ho.
ye maheelaon se juda hua maamala hai, ye maheelaon ke parivaar se juda hua maamala hai. mera pati hai ,mein usakee patnee hoon, miyaan beevee ka maamala hai,aap us ko kort mein le ke ja rahe ho, main kahoongee, vo parsentej hai, mainne apane kshetr mein dekha, bihaar mein dekha, dillee mein dekha,kaee pradeshon ka aap sarve uthaayen ,kitane parsentej aise mard hain jinako muslamaan mein bhee aavaara kahate hain, do cheezon ke kaaran daeevors hota hai, agar koee nashedee hai, vo hindoo mein bhee ho sakata hai, musalamaan mein bhee ho sakata hai, agar vo musalamaan mein hai, is ka tareeqa daeevors ka tareeqa hai, hindoo ka tareeqa kuchh aur hai to aap sirph musalamaan ke lie qaanoon banaenge, hindoo ke lie qaanoon nahin banaenge?ham log charcha kar rahe hain ki ise mahila ko shaadee mein protekt karane ka bil kaha ja raha hai. meenaakshee jee ne bola, smrti eeraanee jee ne bola,supriya ne bola, sushmeeta ne bola,main maheelaon ke naam is lie le rahee hoon kyonki ye hamaare se juda hua maamala hai , shaadee se juda hua maamala hai, aur is mein pati bhee inavaalv hai, sirph patniyon ka maamala nahin hai, poore parivaar ka maamala hai. mainne bhaashan suna, idhar bhee suna, idhar bhee suna, mein ek prashn pe aaoongee bahut lamba prashn nahin doongee. ki is ka nichod kiya hai, mujhe sirph ye bata den. abhee supriya jee ne bataaya, unhonne kuchh maheelaon se baat kee. mein aaj zaroor bataana chaahoongee ki meree bachapan kee dost baees saalon ke baad milee. vo musalamaan hai. padhee likhee hai aur un ke saare parivaar vaale bhee musalamaan hain. pahale mein usaka dhanyavaad karoongee, phir aapaka dhanyavaad karoongee ki is bil ko laane ke kaaran hamane bhee dil se quraan ko padha. is mein jo soorat nisa hai jisamen daeevors se pahale paanch step hain, usako padha. quraan kee soora baqara hai jisamen 228 se 240 pej (aayat) tak daeevors kis tareeqe se, kyon diya jaaye,vajah kya ho? patnee kee bhee vajah kya ho,pati kee bhee kya vajah ho, us ko poora ditel mein diya gaya hai. mujhe lagata hai ye jo aaj is bil kee charcha huee,is qaanoon ko laane kee jo zaroorat padee, naqavee saahib kah rahe the, main kahoongee afasos hai ki aapakee kamyoonitee ke andar quraan mein daeevors ke lie itane aidavaans rool banae gae hain, mujhe garv hai quraan par , lekin aapane apanee hee kamyoonitee ko aveyar nahin kiya. ye hansane vaalee baat nahin hai. apanee hee kamyoonitee ko aveyar nahin kiya. maheelaon ko bhee itana hee adheekaar hai, talaaq dene ka,aur kis tarah se donon ke rileshan ko bana ke rakhana hai, kis tarah se donon pareevaar ko inavaalv karana hai, kis tarah se pahale paanch step mein in ko rokane kee koshish karanee hai, teen talaaq mein bhee 90 din ka taim donon ko saath bitaana hai, is ke beech mein maahavaaree agar rukatee hai, reeleshan banata hai, to vo saara proses dubaara se reepeet hota hai, is se mazaboot daeevors ka tareeqa nahin ho sakata. ek baat to ye hai ki kamyoonitee ne aveyar nahin kiya. aur jis tarah kee talaaq kee charcha karake raajaneeti ho rahee hai, main aapase poochhana chaahoongee. 477 is desh mein dahej ke kaaran,balaatkaar se , hindoo mahilaen bhee kitanee desh mein maratee hain,daeevors hota hai, daeevors ke bagair pattee doosaree bhee rakh leta hai, is par aap sadan mein charcha kyon nahin karate,sirf musalamaan musalamaan kyon karate ho.
ye maheelaon se juda hua maamala hai, ye maheelaon ke parivaar se juda hua maamala hai. mera pati hai ,mein usakee patnee hoon, miyaan beevee ka maamala hai,aap us ko kort mein le ke ja rahe ho, main kahoongee, vo parsentej hai, mainne apane kshetr mein dekha, bihaar mein dekha, dillee mein dekha,kaee pradeshon ka aap sarve uthaayen ,kitane parsentej aise mard hain jinako muslamaan mein bhee aavaara kahate hain, do cheezon ke kaaran daeevors hota hai, agar koee nashedee hai, vo hindoo mein bhee ho sakata hai, musalamaan mein bhee ho sakata hai, agar vo musalamaan mein hai, is ka tareeqa daeevors ka tareeqa hai, hindoo ka tareeqa kuchh aur hai to aap sirph musalamaan ke lie qaanoon banaenge, hindoo ke lie qaanoon nahin banaenge?
aapaparsentej kee baat karen, beefor supreemakort, aafatar supreemakort, 477,mob liching mein kitanon kee maut huee, us ko bhee is sadan mein kab laenge, dharadharm ke naam par kitanee maut huee us ko bhee is sadan mein charcha mein lekar aaeee. muzaffarapur mein balaatkaar hota hai,35 bachcheeyon ka hota hai, aap hee kee sarakaar in bachcheeyon kee dekh rekh nahin karatee hai, aur mantree aur mukhyamantree ke saath milakar madad karatee hai, is kee bhee charcha ho kyonki vo bhee bachcheeyaan thee, kya vo hindoo theen is lie aap charcha nahin karenge. aur muslamaanon kee vot lenee hai is lie 477, 477 karenge. aap ye bharam mein hain ki muslamaan mahilaen aapake is qaanoon se aapako vot dene ka kaam karen gee . main aapase ye kahana chaahatee hoon, theek hai aapako vot nahin chaaheee, aapane is qaanoon mein mahila ko protekt kaise kiya hai . mujhe is baat ka javaab de deejie, aap le ke aaeee qaanoon, ham bhee raazee hain, ki agar mahila ko bhee talaaq talaaq talaaq ,vhaats ap par , baahar mein fon mein diya jaata hai, galat hai . ek muslim mahila bhee kahatee hai galat hai, quraan padhane vaale bhee kahate hain galat hai, jab vo khud kah rahe hain galat hai to aap kya sikha rahe ho?
main aapase, meenaakshee jee aap hee kee baat par aa rahee hoon, aap qaanoon kee baat karen, aap vakeel hain, aapane bahut saare ekt padhe, mujhe vakeel saahiba ye bataaden, mantree saahib bhee vakeel hain, aapane sirph qaanoon banaaya hai, ki teen talaaq, teen talaaq jo bolega, us ko aap jel bhej deejiega, aapako adheekaar hai . ek taraf vo mahilaen hai jo bahut gareeb hain, baik graund kuchh nahin hai, kyonki mainne aankhon se dekha hai. ham mein zyaada kalah hai, musalamaan parivaaron mein itanee kalah nahin hai, jitanee hindoo parivaaron mein kalah hai,to jinake paas baikagraanood sport hai vo aaj bhee ja kar qaanoon se lad letee hai. agar aap in maheelaon kee baat kar rahe hain jinaka baikagraanood mein koee nahin hai , aap kah rahe hain ja kar majistret se kes daakhil karo, aapane thoda fail kiya,udhar phain kar deta hai, muslim mahelaen ka yahaan bhee mis yooz ho sakata hai. aap kahenge qaanoon nahin aaega. aapane us ke ilaava kya protekshan deeye hai, majistret tai karega ki muaavaza kitana milega, majistret tai karega ki bachche kis ke paas rahenge. majistret tai karega ki hasabaind us ko dega bhee nahin, main kahatee hoon praikteekal see baat hai, mera hasabaind job karata hai, vo kahega tumane jel bheja, meree job chalee gaee, ab main paisa nahin doonga. to aap kya kar lenge. kya aapane sheltar ka praavadhaan kiya hai, kya aapane sarakaar taraf se un ko muaavaza ka praavadhaan kiya hai, us ko kya protekshan hai, is mahila ko, is mahila ko aap muslim parsanal la se bhee nikaal rahe hain, us ke dharm se bhee nikaal rahe hain, aur us ke ghar se bhee nikaal rahe hain, sirph protekshan ke naam se kah rahe ki bhayya apane pati ko jel bhej do. kaun aisa pati hai ,theek hai us ne teen talaaq de diya,vo illeegal hai, quraan bhee maan raha hai, vo teen maheene intizaar karega, aap dushmanee itanee badha rahe hain, kahega lo teen maheene ho gae mainne tumhen talaaq diya, phir aapaka qaanoon kya karega, main sirph ye kahana chaah rahee hoon ki aapakee neeyat mein khot hai. agar aap ko qaanoon hee laana tha mein to kahoongee quraan ko dhang se padh kar us mein jo tareeqa daeevors ka bataaya hai, usee ko kort ka qaanoon kyon nahin banaate hain, pooree muslim kamyoonitee us ko maanane ko taiyaar hogee, aap sirph khilavaad kar rahe hain maheelaon ke saath. mein phir kahoongee ki maheelaon ke utapeedan ke naam par, maheelaon ke ghareloo masalon ke naam par, hindoo aur muslamaan nahin hona chaaheee, nahin to har tabaqe kee mahila,chaahe rooling paartee kee ho,ya veepaksh kee ho, sab khade ho is qaanoon ke virodh mein khade hongee. ye desh sakahata hai, nischit taur se use je pee see mein jaana chaaheee quraan kee samajh rakhane vaale logon ko bula ke is ko dubaara se amedament karana chaahie, bahut bahut dhanyavaad .